Latest Labour Law of Indian Worker's |
भारत में अंतिम 20 श्रम कानून या श्रमिकों के नवीनतम कानून
श्रम कानून एक ऐसा कानून है जो श्रमिकों को उनकी न्यूनतम आवश्यकताओं के अनुसार न्याय देता है। भारत में कुछ नए श्रम कानून हाल ही में लागू किए गए हैं, जिनके बारे में हम इस लेख में बात करेंगे।
- श्रम संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए नेशनल काउंसिल (National Council) का गठन
- सभी श्रमिकों को पंजीकृत करना अनिवार्य हो गया है।
- सभी श्रमिकों के लिए पेंशन योजना (Pension Scheme) अनिवार्य हो गई है।
- सभी श्रमिकों के लिए चिकित्सा बीमा योजना (Medical Insurance Scheme) अनिवार्य हो गई है।
- श्रमिकों को संबंधित उद्योग के अनुसार अधिकतम और न्यूनतम वेतन के बारे में जानकारी देने के लिए नोटिफिकेशन जारी करना अनिवार्य हो गया है।
- श्रमिकों के लिए एक संगठित और सुरक्षित कार्यस्थल का निर्माण करना अनिवार्य हो गया है।
- श्रमिकों को उनके काम के अनुसार उचित मुआवजे का अधिकार होगा।
- स्त्री श्रमिकों के लिए श्रम संबंधी कानून में विशेष सुविधाएं जैसे मैटरनिटी लीव, क्रीच फैसिलिटी आदि अनिवार्य हो गए हैं।
- नौकरी के दौरान अपनी सुरक्षा के लिए सेफ्टी गाइडलाइंस निर्धारित करना अनिवार्य हो गया है।
- श्रमिकों को कंपनियों द्वारा नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य हो गया है।
- कंपनियों को श्रमिकों को समय पर वेतन देने का अधिकार होगा।
- श्रमिकों के लिए निःशुल्क उपलब्ध समझौते का सुनिश्चय करना अनिवार्य हो गया है।
- श्रमिकों को संबंधित नियमों के अनुसार उनके काम के दौरान उचित सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।
- श्रमिकों को काम करने के दौरान स्थानांतरण के लिए उचित सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।
- श्रमिकों को काम करने के दौरान स्थायी नियोजन का सुनिश्चय किया जाना चाहिए।
- निजी कंपनियों में अधिकारियों के लिए संबंधित नियमों का पालन करना अनिवार्य हो गया है।
- निजी कंपनियों को कार्यकर्ताओं को समझौते और अधिनियमों का समय पर पालन करने का अधिकार होगा।
- कंपनियों को श्रम संबंधी अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अधिकार होगा।
- श्रमिकों को समझौतों और अधिनियमों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अधिकार होगा।
ये थे 20 भारतीय श्रम नियम जो अभी हाल में लागू किए गए हैं। इन नियमों के माध्यम से श्रमिकों के हकों की सुरक्षा की जानकारी दी गई है और उन्हें उनके अधिकारों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
यदि आप श्रम संबंधी किसी भी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आपको उस समस्या को हल करने के लिए इन नियमों का सहारा लेना चाहिए। श्रमिकों के हकों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए नए नियम बनाए जाने का मकसद है। आपको ये नियमों का पालन करना चाहिए ताकि श्रमिकों को संरक्षण मिल सके और वे सुरक्षित रूप से काम कर सकें।
इन नियमों के माध्यम से श्रमिकों को काम करने के दौरान उनकी सुरक्षा, स्वास्थ्य, वेतन, और अन्य अधिकारों का ख्याल रखा जाएगा। इन नियमों का सख्ती से पालन करना कंपनियों के लिए अनिवार्य होगा। यदि कोई कंपनी इन नियमों का उल्लंघन करती है, तो उसे दंड देना पड़ सकता है।
इन नियमों का पालन सभी कंपनियों के लिए अनिवार्य है, चाहे वह सरकारी हो या निजी। इन नियमों को समझना और उनके अनुसार काम करना हर श्रमिक का अधिकार होता है। इन नियमों का पालन करना श्रमिकों को संरक्षित रखने के साथ-साथ उन्हें अधिक सुविधाएं भी प्रदान करता है।
इस तरह के नियमों के माध्यम से श्रमिकों के अधिकारों का संरक्षण किया जाता है और उन्हें संबंधित समस्याओं का हल ढूंढने में मदद मिलती है। इन नियमों के माध्यम से श्रमिकों को उनके अधिकारों का पूरा लाभ मिल सकता है और वे अपने जीवन के लिए एक सुरक्षित और स्थायी स्थान ढूंढ सकते हैं।
भारत में न्यूनतम मजदूरी नियमों के माध्यम से, हर श्रमिक के पास न्यूनतम वेतन का अधिकार होता है। यह न्यूनतम मजदूरी का अधिकार, विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग होता है। नीचे दिए गए हैं 10 क्षेत्र जहां न्यूनतम मजदूरी का अधिकार होता है:
- अग्निशमन एवं सुरक्षा से संबंधित क्षेत्र: न्यूनतम वेतन रुपए 17,000 प्रति माह है।
- बिजली, गैस एवं वातावरण से संबंधित क्षेत्र: न्यूनतम वेतन रुपए 17,000 प्रति माह है।
- इमारत निर्माण से संबंधित क्षेत्र: न्यूनतम वेतन रुपए 18,000 प्रति माह है।
- ट्रांसपोर्ट से संबंधित क्षेत्र: न्यूनतम वेतन रुपए 10,000 प्रति माह है।
- केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मजदूर वेतन: न्यूनतम वेतन रुपए 350 प्रति दिन है।
- राज्य शासित प्रदेशों के लिए मजदूर वेतन: न्यूनतम वेतन रुपए 176 प्रति दिन है।
- बीमा से संबंधित क्षेत्र: न्यूनतम वेतन रुपए 10,000 प्रति माह है।
- खाद्य प्रसंस्करण ससंबंधित क्षेत्र: न्यूनतम वेतन रुपए 6,000 प्रति माह है।
- उद्योग एवं उद्यम से संबंधित क्षेत्र: न्यूनतम वेतन रुपए 10,000 प्रति माह है।
- बाल मजदूरों के लिए मजदूर वेतन: न्यूनतम वेतन रुपए 1,000 प्रति सप्ताह है।
इन न्यूनतम मजदूरी के अधिकारों को लागू करना सरकार की जिम्मेदारी होती है। यह निर्धारित न्यूनतम मजदूरी श्रमिकों को सुरक्षित मजदूरी का एक आधार होता है, जो उन्हें अपनी जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है।
इसके अलावा, सरकार ने नियमों के माध्यम से श्रमिकों को कई अन्य अधिकार भी दिए हैं। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- श्रमिकों को सुरक्षा के लिए जिम्मेदारी देना।
- न्यूनतम मजदूरी के अलावा, श्रमिकों को और भी उच्च वेतन देने का प्रयास करना।
- अवैध कटौती से श्रमिकों को सुरक्षित रखना।
- काम की अवधि को नियमित करना।
- महिलाओं को समान वेतन देना।
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